महाविद्या की छठी शक्ति माता त्रिपुर भैरवी मां काली का ही स्वरूप मानी जाती हैं। त्रिपुर का अर्थ तीनों लोकों से है और भैरवी का संबंध काल भैरव से है। इनकी पूजा करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता मिलती है।

त्रिपुर भैरवी जयंती मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस साल माता त्रिपुर भैरवी की जयंती मंगलवार, 26 दिसंबर 2023 को मनाई जा रही है। शास्त्रों में माता त्रिपुर भैरवी को मां काली का ही स्वरूप माना गया है। इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से सभी कष्टों और व्यक्ति के अहंकार का नाश हो जाता है।

कौन हैं मां त्रिपुर भैरवी?
महाविद्या की छठी शक्ति माता त्रिपुर भैरवी मां काली का ही स्वरूप मानी जाती हैं। त्रिपुर का अर्थ तीनों लोकों से है और भैरवी का संबंध काल भैरव से है। विकराल स्वरूप और उग्र स्वाभाव वाले काल भैरव भगवान शिव के अवतार हैं, जिनका संबंध भय के विनाश से है।

मां का स्वरूप
भगवती त्रिपुर भैरवी का स्वरूप मां काली जैसा ही है। मां के तीन नेत्र और चार भुजाएं हैं। मां के बाल खुले हुए हैं। इनका एक नाम षोडशी भी है। शास्त्रों के अनुसार मां को और नामों से भी जाना जाता है, जैसे रूद्र भैरवी, चैतन्य भैरवी, नित्य भैरवी, भद्र भैरवी, कौलेश भैरवी, श्मशान भैरवी, संपत प्रदा भैरवी। मां त्रिपुर भैरवी कंठ में मुंड माला धारण किये हुए हैं। मां ने अपने हाथों में माला धारण कर रखी है। मां त्रिपुर भैरवी की पूजा में लाल रंग का उपयोग करने से माता अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं।

 

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