चायती बड़ा उदासीन अखाड़े में सौ से अधिक युवाओं का पंच पुत्र संस्कार हुआ। इन्होंने दिगंबर वेश में खुले आकाश के नीचे रात बिताई। महाकुंभ में सोमवार को श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन की धर्म ध्वजा संन्यास की अर्वाचीन परंपरा की साक्षी बनी। पहली बार इस अखाड़े में भस्म शृंगार के बाद गाजा-बाजा और शंख ध्वनि के बीच सौ से अधिक युवाओं का पंच संस्कार किया गया। पंचदेवों की मौजूदगी में इन युवाओं को पंच पुत्र बनाया गया। अब यह युवा संन्यासी कठिन अनुशासन का पालन करते हुए देश भर में अलग-अलग मठों में कोतवाल, कोठारी, भंडारी, कारोबारी के अलावा महंत, मुखिया जैसे पदों को संभालेंगे। पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की छावनी में ईष्टदेव भगवान चंद्रदेव की मौजूदगी में सुबह ही पंच पुत्र संस्कार आरंभ हो गया। 

महाकुंभ की छावनी में पंच परमेश्वर के द्वारा पंच पुत्रों को सनातन धर्म के प्रति निष्ठा और समर्पण की शपथ कराई गई। यह पंच पुत्र रात को संगम किनारे आकाश के नीचे निर्वस्त्र रहेंगे। महाकुंभ में अखंड भस्मी लगाकर तपस्या करेंगे। महाकुंभ के बाद भी वह तपस्या करते रहेंगे।

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