प्रयागराज महाकुंभ में आवाहन अखाड़े के रुद्राक्ष वाले बाबा फिर से संगम की रेती पर पहुंच गए हैं. इस बार रुद्राक्ष वाले बाबा नए संकल्पों के साथ कुंभ की नगरी में पहुंचे हैं. दो लाख से अधिक रुद्राक्ष की माला और सिर पर मुकुट के साथ रुद्राक्ष की खास सदरी धारण करके नए अनुष्ठान और नए संकल्पों के साथ महाकुंभ की धरा पर पहुंच गए हैं. जी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में रुद्राक्ष वाले बाबा ने बताया कि उनका एक संकल्प अयोध्या में भव्य राम मंदिर का पूरा हुआ है. लेकिन, काशी और मथुरा के अलावा भारत को हिंदू राष्ट्र बनने का संकल्प अभी अधूरा है.हरियाणा से आए आवाहन अखाड़े के संत गीतानंद महाराज श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. गीतानंद महाराज अपने शरीर पर ढाई लाख रुद्राक्ष से बनी माला धारण किए हुए हैं. उन्होंने तकरीबन ढाई हजार रुद्राक्ष की मालाओं से शिवलिंग की आकृति बनाकर उसे अपने सिर पर रखा हुआ है. रुद्राक्ष का वजह करीब 45 किलो है.