स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में तीन दिवसीय आईआईएमयूएन सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें भारत के विभिन्न विद्यालयों और काॅलेजों के 19 से 21 वर्ष के 200 से अधिक छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि यदि भारत के युवाओं का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।  मंगलवार को योगाचार्य गंगा नंदिनी ने छात्र-छात्राओं को योग, ध्यान और प्राणायाम की विभिन्न विधाओं का अभ्यास कराया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि वर्तमान समय में युवाओं में इंटरनेट कनेक्टिविटी, इनर कनेक्टिविटी और डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ डिवाइन कनेक्टिविटी भी बहुत जरूरी है। भारत में 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है। 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। युवा जन सांख्यिकीय के मामले में दुनिया में भारत पांचवें स्थान पर है।  साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि वर्तमान समय में भारत के युवा सकारात्मक सामाजिक आंदोलन के साथ पर्यावरण संरक्षण, ग्लोबल वाॅर्मिंग आदि महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ा सकते हैं। उन्होंने युवाओं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए ध्यान और योग से जुड़ने व जोड़ने का संदेश दिया।

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