उत्तराखंड के चमोली जिले में रुक-रुककर हो रही भारी बारिश से मलबा आने से ग्रामीण क्षेत्रों की 39 सड़कें बंद पड़ी हैं जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही स्कूली बच्चों को बोल्डरों के ऊपर से ही स्कूल जाना पड़ रहा है। वहीं पोखरी, नंदानगर, गैरसैंण, देवाल, थराली और दशोली ब्लाक के गांवों की अधिकांश सड़कें बंद हैं। कई निर्माणाधीन सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

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पीपलकोटी-स्यूंण-बैमरु मार्ग बंद होने से ग्रामीण करीब आठ किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर पीपलकोटी पहुंच रहे हैं। युवक मंगल दल अध्यक्ष अरुण राणा ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से सड़क बंद है जिससे जनता को आठ किलोमीटर की पैदल आवाजाही करनी पड़ रही है।

स्कूली बच्चे भी जान जोखिम में डालकर सड़क पर आए बोल्डरों के ऊपर से ही विद्यालय पहुंच रहे हैं। इसके अलावा नंदानगर-धुर्मा-मोख मल्ला सड़क पिछले एक माह से बंद है। क्षेत्र पंचायत सदस्य सोबन सिंह नेगी का कहना है कि सड़क बंद होने से ग्रामीणों को करीब आठ किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है।बांसवाड़ा गांव की ग्राम प्रधान विमला देवी, सुरेंद्र सिंह नेगी, मंगल सिंह और पुष्कर सिंह ने शीघ्र नदी के दोनों ओर आबादी क्षेत्रों में सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग उठाई। इधर, नायब तहसीलदार राकेश देवली ने बताया कि राजस्व उपनिरीक्षक को मौका मुआयना करने के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद आपदा प्रभावितों को नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।

By Tarun

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