अयोध्या राम मंदिर पर होने वाले ध्वजारोहण समारोह को ट्रस्ट के द्वारा धूमधाम से मनाया जाएगा। यह आयोजन 24 और 25 नवंबर को प्रस्तावित है।

रामनगरी में एक और ऐतिहासिक लम्हे की तैयारी शुरू हो चुकी है। 25 नवंबर को प्रस्तावित ध्वजारोहण समारोह की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। दो दिवसीय (24-25 नवंबर) समारोह में देश-विदेश से आने वाले करीब आठ हजार मेहमान इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे। इसके लिए अयोध्या धाम में दो हजार से अधिक कमरे बुक कराए जाने की तैयारी हो रही है। कमरे बुक कराने का सिलसिला सितंबर के अंत से शुरू कर दिया जाएगा। समारोह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तर्ज पर होगा, लेकिन इसमें धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना का संगम और भी अधिक सघन होगा।
अयोध्या के प्रमुख मार्गों को सजाया जाएगा, तोरण द्वार, भव्य विद्युत सज्जा और सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रमों की योजना भी बनाई जा रही है। समारोह में आने वाले मेहमानों की सूची तैयार की जा रही है। इनमें संत-धर्माचार्य, राजनेता, सुप्रसिद्ध व्यक्तित्व आदि शामिल होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने समारोह की कमान खुद संभाल रखी है। अतिथियों के लिए शहर में बने होम स्टे को सूचीबद्ध किया जा रहा है। अधिकांश लोगों को होम स्टे में ठहराया जाएगा। साथ ही होटल, धर्मशालाओं की सूची भी तैयार हो रही है। मठ-मंदिरों में भी मेहमानों के रुकने की व्यवस्था होगी। इसके लिए मठ-मंदिरों के महंतों, व्यवस्थापकों से वार्ता की जा रही है।
विश्व हिंदू परिषद के हाथ में होगी व्यवस्था
समारोह की कमान इस बार पूरी तरह से विश्व हिंदू परिषद के हाथ में होगी जबकि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में संघ ने कमान संभाली थी। विहिप इस बार न केवल आयोजन की व्यवस्थाओं को संभालेगी, बल्कि सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, साधु-संतों की भागीदारी, धार्मिक अनुष्ठानों और अतिथियों के समन्वय से लेकर कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा तय कर रही है। विहिप की यह सक्रिय भूमिका आयोजन में एक नई ऊर्जा और संगठित रूप देगी। विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि हिंदू समाज की एकजुटता, सेवा भावना और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बनेगा। इसके लिए देश भर से विहिप के करीब पांच सौ कार्यकर्ता बुलाए जाएंगे।