प्रयागराज में लगने वाले माघ मेले में बनारस के मठ, मंदिर, आश्रम के साथ ही शंकराचार्य के भी शिविर लगेंगे। ऐसे में खाप चौक ने माघ मेले के लिए तीन सौ बीघा जमीन की मांग रखी है। पांच दिसंबर से जमीनों का आवंटन शुरू होगा। 

Magh Mela 2026 Parva Snan will be held for first time on lines of Amrit Snan

प्रयागराज में अमृत स्नान की तर्ज पर माघ मेले में पहली बार पर्व स्नान होगा। जगदगुरु, रामानंदाचार्य, महामंडलेश्वर, द्वाराचार्य, संत, महंत, श्रीमहंत की शोभायात्रा पर्व स्नान के लिए निकलेगी। माघ मेले में होने वाले पर्व स्नान का नजारा महाकुंभ के शाही स्नान की तरह ही होगा। माघ मेले में बनारस के मठ, मंदिर, आश्रम के साथ ही शंकराचार्य के भी शिविर लगेंगे।

पौष पूर्णिमा के साथ ही संगम तट पर माघ मेले की शुरुआत हो जाएगी। देश भर के संत समाज के साथ ही काशी के मठ, मंदिर और अखाड़ों के प्रतिनिधि संगम के तट पर अपने-अपने शिविरों के लिए तैयारी में जुट गए हैं। खाक चौक के प्रधानमंत्री जगद्गुरु संतोषाचार्य सतुआ बाबा ने बताया कि महाकुंभ के बाद लगने वाला माघ मेला भी बेहद भव्य होगा। 

इस बार माघ मेले में अमृत स्नान की तर्ज पर पर्व स्नान की तैयारी की जा रही है। इसमें जगदगुरु, रामानंदाचार्य, महामंडलेश्वर, द्वाराचार्य, संत, महंत, श्रीमहंत शाही स्नान की तरह शोभायात्रा निकालेंगे। मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी पर अमृत स्नान की तर्ज पर ही पर्व स्नान के आयोजन होंगे। जो भी श्रद्धालु महाकुंभ के अमृत स्नान में शामिल नहीं हो सके थे, उनके लिए पर्व स्नान में शामिल होने का मौका रहेगा। 

यह महाकुंभ में होने वाले अमृत स्नान की तरह ही होगा। इसमें सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। सतुआ बाबा ने बताया कि चार व पांच दिसंबर से भूमि आवंटन का कार्य शुरू हो जाएगा। इस बार हम लोगों ने मेले के लिए 300 बीघा जमीन आवंटित करने की मांग की है।

तीन जनवरी से शुरू होगा माघ मेला

माघ मेले का सबसे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी माना जाता है। माघ मेले की शुरुआत तीन जनवरी 2026 को पौष पूर्णिमा के साथ होगी। मौनी अमावस्या का स्नान 18 जनवरी, वसंत पंचमी का स्नान एक फरवरी और महाशिवरात्रि का स्नान 15 फरवरी को होगा।

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