राम मंदिर ट्रस्ट की देखरेख में संपन्न इस कार्य के बाद अब सीता कूप का जल रामलला के राग-भोग में उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही श्रद्धालु और स्थानीय निवासी भी विशेष आयोजनों के लिए यह जल ले जा सकेंगे।

Ayodhya : Now devotees will be able to take water from Sita Koop

रामजन्मभूमि परिसर में स्थित प्राचीन सीता कूप अब पूरी तरह से नव रूप में सज चुका है। वंशी पहाड़पुर के लाल पत्थरों से इसका भव्य सुंदरीकरण किया गया है। राम मंदिर ट्रस्ट की देखरेख में संपन्न इस कार्य के बाद अब सीता कूप का जल रामलला के राग-भोग में उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही श्रद्धालु और स्थानीय निवासी भी विशेष आयोजनों के लिए यह जल ले जा सकेंगे।

रामजन्मभूमि परिसर में शेषावतार मंदिर के पास स्थित यह कूप लंबे समय तक उपेक्षित रहा। 1992 की घटना और 1993 में अयोध्या एक्ट लागू होने के बाद यह पूरा क्षेत्र बैरिकेडिंग में सीमित हो गया था। स्थानीय निवासियों का यहां आना-जाना बंद हो गया और सीता कूप उपेक्षा का शिकार हो गया। 30 वर्षों तक रखरखाव न होने से इसकी स्थिति जर्जर हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो परिसर के 70 एकड़ क्षेत्र के साथ सीता कूप का भी कायाकल्प कराया गया। ट्रस्ट ने इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए विशेष सुंदरीकरण योजना बनाई।जिसमें इसे उसी लाल पत्थर से सजाया गया जो मुख्य मंदिर में भी लगा है। 

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