मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी रविशंकर और आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने जिला, मेला पुलिस-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से आपसी समन्वय बनाकर एसओपी का कड़ाई से पालन कराए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। मेला नियंत्रण भवन सभागार में आयोजित बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि कोविड-19 से बचाव बड़ी चुनौती है। महाशिवरात्रि पर अखाड़ों के पहले शाही स्नान पर एसओपी का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। हरिद्वार आने वाले हर व्यक्ति के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता होगी और बार्डर पर रैंडम जांच की जाएगी। जिले के सभी बार्डर पर पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौजूद रहेंगी। उन्होंने कहा कि कई श्रद्धालु पहले से आकर होटल, धर्मशालाओं, आश्रमों में ठहरे हैं। उनकी भी कोविड जांच की जाए। होटल एवं आश्रम संचालक इसकी सूचना मेला एवं जिला प्रशासन को देंगे। स्वास्थ्य विभाग की टीमें उनकी जांच कराना सुनिश्चित करेगी। बिना पंजीकरण के मेला क्षेत्र में पकड़े जाने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। गंगा स्नान के दौरान सभी घाटों पर शारीरिक दूरी के साथ मास्क लगाने की अनिवार्यता होगी। बगैर मास्क घूमने वालों का चालान किया जाएगा। हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर शारीरिक दूरी के लिए सर्किल बनाए जाएंगे। बैठक में एसएसपी कुंभ जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, हरबीर सिंह, रामजी शरण शर्मा, उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह, किशन सिंह नेगी, दयानंद सरस्वती, सीओ प्रकाश देवली आदि मौजूद रहे।

11 मार्च को महाशिवरात्रि को अखाड़ों का पहला शाही स्नान है। कुंभ की शुरुआत एक अप्रैल से होगी, लेकिन पहले शाही स्नान के लिए कोविड से बचाव की कुंभ मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू हो गई है। बुधवार से एसओपी प्रभावी होगी और शुक्रवार तक लागू रहेगी। इसके अंतर्गत हरिद्वार आने वाले हर व्यक्ति को कुंभ मेला पोर्टल पर पंजीकरण और 72 घंटे पूर्व की कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। एसओपी लागू होने की अवधि से पहले हरिद्वार आकर होटलों, धर्मशाला और आश्रमों में ठहरने वालों लोगों की भी कोविड जांच की जाएगी। बॉर्डर और मेला क्षेत्र में 40 टीमें कोविड की रैंडम जांच भी करेंगी।