कार्तिक पूर्णिमा तिथि को पुराणों में स्नान, व्रत व दान की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है। भगवान विष्णु का पहला अवतार इसी दिन हुआ था।कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार प्रदेश भर में आस्था विश्वास के साथ मनाया जा रहा है। धार्मिक नगरी अयोध्या और वाराणसी में सुबह से अब तक लाखों श्रद्धालु सरयू और गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। स्नान के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सुबह चार बजे से ही लोगों का जमाव घाटों पर शुरू हो गया था। कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार प्रदेश भर में आस्था विश्वास के साथ मनाया जा रहा है। धार्मिक नगरी अयोध्या और वाराणसी में सुबह से अब तक लाखों श्रद्धालु सरयू और गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। स्नान के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सुबह चार बजे से ही लोगों का जमाव घाटों पर शुरू हो गया था। इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों में भी श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। घाटों पर मेले का भी आयोजन किया गया। कार्तिक पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त 15 नवंबर की सुबह 4:37 बजे से शुरू होकर 16 नवंबर की सुबह 2:29 बजे तक रहेगा। 

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