फर्जी बाबाओं की लिस्ट में शामिल किए जाने के खिलाफ जगतगुरु त्रिकाल भवंता के परिवाद पर कोर्ट ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी  सहित 11 संतों को तलब किया है। प्रकरण की सुनवाई 18 मार्च 2021 को होगी। यह आदेश अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मयंक त्रिपाठी ने   दिया है।

वादिनी त्रिकाल भवंता ने न्यायालय में महंत नरेंद्र गिरि, महंत रामसेवक गिरी, महंत यमुना पुरी , महंत आशीष गिरि, महंत प्रेम गिरि, महंत उमा शंकर भारती, महंत सत्य गिरि, महंत कैलाश पुरी , महंत गोविंदा नंद ब्रम्हचारी, महंत धर्मदासऔर महंत भगतराम के खिलाफ   मानहानि करने की धारा  में परिवाद दाखिल किया है । त्रिकाल भवंता का कहना है कि वह संत महिला धर्माचार्य है ।

प्रथम महिला जगतगुरु शंकराचार्य तथा अखाड़ा परी की प्रमुख हैं। परिवादिनी की संस्था सर्वेश्वर महादेव वैकुंठ धाम मुक्ति द्वार अखाड़ा परी अरैल घाट रोड यमुना पुल के नजदीक नैनी में स्थित है और सोसायटी अधिनियम से पंजीकृत संस्था है। परिवादिनी के द्वारा स्वयं को शंकराचार्य घोषित करने के उपरांत धार्मिक क्षेत्र के कई पुरुष संत ईर्ष्या व जलन रखते हैं।

जिसके कारण एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें परिवादिनी को फर्जी बाबाओं की लिस्ट में शामिल कर फर्जी घोषित किया गया तथा उसे समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया जो कि परिवादिनी की मानहानि है। दाखिल परिवार पर परिवादिनी का बयान और साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने प्रस्तुत किए गए  साक्ष्य को पर्याप्त माना और सभी 11 संतों को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत  समन जारी कर 18 मार्च 2021 को सभी को तलब किया है।

 

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