साधु-संतों, संन्यासियों और महंतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में वर्चस्व को लेकर उठा बवंडर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले से ही दो फाड़ हो चुके थे और अब तीसरा गुट भी सामने आ गया है। संतों को एकजुट करने के प्रयासों को तगड़ा झटका लगा है।

three factions in the Akhara Parishad Rajendra Das becomes the president o

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में अब तीन फाड़ हो गया है। मेला कार्यालय में मारपीट के बाद दूसरे धड़े के महामंत्री निर्मोही अणि अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने अखाड़ा परिषद से अलग अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के गठन का एलान कर दिया। इस वैष्णव अखाड़ा परिषद के महंत राजेंद्र दास अध्यक्ष और दिगंबर अणि अखाड़े के बाल हठयोगी महामंत्री बनाए गए हैं। अखाड़ा परिषद के साथ बैरागी परंपरा के अखाड़ों के साथ कुल 18 अखाड़ों के समर्थन का दावा किया गया है। इस फाड़ के साथ ही मारपीट के बाद अखाड़ा परिषद के दोनों धड़ों के बीच एकजुटता के प्रयासों पर पानी फिर गया है। बतादें कि कुंभ मेला कार्यालय में पहली कतार में बैठने को लेकर हुए विवाद में महंत राजेंद्र दास ने जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि पर थप्पड़ जड़ने और अभद्रता करने का आरोप लगाया था।

संरक्षक बनाए गए श्रीमहंत ज्ञानदास

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे श्रीमहंत ज्ञानदास को इस अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का संरक्षक बनाया गया है। वैष्णव अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने बताया कि वर्ष 2010 के हरिद्वार कुंभ में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदास ने अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन किया था। लेकिन, श्रीमहंत ज्ञानदास की व्यस्तता और अन्य कारणों से इस परिषद को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ गई थी।

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