श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा और श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़ा की पेशवाई में कुछ उम्रदराज नागा भी पेशवाई में शामिल थे। जब बूढ़े नागाओं ने अपना युद्धकौशल दिखाया तो उनकी फुर्ती को देख श्रद्धालु चकित रह गए।
नागा संन्यासी संयमित जीवन जीते हैं। इसलिए उनकी उम्र भी काफी लंबी होती है। आनंद अखाड़ा और आह्वान अखाड़ा की पेशवाई के दौरान नागा संन्यासी लाठियों, भालों, तलवार, त्रिशूल से अपने युद्धकौशल का प्रदर्शन कर रहे थे।इस बीच जब कुछ उम्रदराज नागाओं ने हथियार पकड़े तो श्रद्धालु उत्सुकता वश उनकी तरफ देखने लगे। शायद श्रद्धालुओं मन में संशय था कि वयोवृद्ध नागा कैसे हथियारों का संचालन करेंगे। बूढ़े नागाओं ने भी पहले धीरे-धीरे लाठी, भाला, तलवार, त्रिशूल को चलाना शुरू किया। कुछ ही देर में उनकी रफ्तार युवा नागा संन्यासियों से दोगुनी हो गई।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने बताया कि अखाड़ा परंपरा में सभी अखाड़ों के इष्टदेव अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि आनन्द अखाड़ा निरंजनी का छोटा भाई है। लेकिन आनन्द अखाड़े के इष्टदेव सूर्य भगवान हैं।इसलिए आनन्द अखाड़े के इष्टदेव सूर्य भगवान के नेतृत्व में अखाड़े के संतों और नागा सन्यासी अलग से छावनी में प्रवेश किया। श्रीमंहत नरेंद्र गिरी ने कहा कि अखाड़े की पेशवाई में दूसरे अखाड़ों के संत भी शामिल होते हैं।। इस नाते वह और निरंजनी के सभी संत पेशवाई में शामिल हुए हैं। उन्होंने बताया कि आनंद अखाड़े के संत भी निरंजनी की पेशवाई में शामिल हुए थे।बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई पेशवाई को देखने के लिए उत्सुक था। कुछ ऐसे भी बुजुर्ग थे जो चलने में सक्षम नहीं थे। वहीं ट्रैफिक प्लान लागू होने के चलते वाहन भी पेशवाई मार्ग तक नहीं आ पा रहे थे। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी थे जो अपने दादा-दादी या नाना-नानी को पकड़कर पेशवाई मार्ग तक लाकर उनकों संतों और नागा साधुओं के दर्शन कराए।पेशवाई का दर्शन करने वालो में बड़ी संख्या में युवा भी शामिल थे। युवाओं ने संतों और नागाओं का आर्शीवाद प्राप्त किया तो सेल्फी भी खिंचाई। स्वाभाव से उग्र माने जाने वाले नागा साधुओं ने भी युवाओं को निराश नहीं किया।धर्मनगरी में निकल रही अखाड़ों की पेशवाई को देखने के लिए दूर-दराज के ग्रामीणों में भी जिज्ञासा जाग रही है। जिससे वह धर्मनगरी में रहने वाले अपने परिचितों से अब कब पेशवाई निकलेगी इसके बारे में पूछ रहे हैं, ताकि वह भी शहर पहुंचकर पेशवाई देख सकें। पंचायती अखाड़ा श्री निंरजनी की तरह आह्वान अखाड़े की पेशवाई में शामिल संतों और नागा संन्यासियों पर भी हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए। हेलीकॉप्टर से बरसते फूलों को देख पेशवाई देखने आए बच्चे बहुत खुश हुए।