काशी में 29 अक्तूबर से दो नवंबर तक मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन होंगे। इस दौरान पहली बार 30 किलो चांदी, तांबे और पीतल के सिक्के भी प्रसाद स्वरूप मिलेंगे।

बाबा विश्वनाथ को अन्न-धन की भिक्षा देने वाली स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा पहली बार भक्तों पर चांदी और नवरत्नों का खजाना भी लुटाएंगी। सिक्के और लावे के साथ ही श्रद्धालुओं को पहली बार चांदी, पीतल और तांबे के सिक्के प्रसाद स्वरूप दिए जाएंगे। 29 अक्तूबर को धनतेरस से अन्नकूट तक मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन भक्तों को सुलभ होंगे। यह जानकारी अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत शंकर पुरी महाराज ने बांसफाटक स्थित अन्नक्षेत्र में पत्रकारों को दी। महंत शंकर पुरी ने बताया कि 29 अक्तूबर को भोर में 3:30 बजे अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट खुल जाएंगे।माता के पूजन और शृंगार के बाद मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए भोर में पांच बजे से खुल जाएंगे। इस बार खजाने के रूप में सिक्के और लावा के साथ 30 किलोग्राम चांदी के सिक्के, पीतल और तांबे के सिक्के भी भक्तों को बांटे जाएंगे।
धनतेरस के दिन एक घंटे पहले खुलेगा मंदिर
महंत शंकर पुरी ने बताया कि धनतेरस के दिन निर्धारित समय से एक घंटे पहले ही मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। पांच दिनों तक श्रद्धालु मां अन्नपूर्णा, मां भूमि देवी, महालक्ष्मी और महादेव के रजत विग्रह के दर्शन कर सकेंगे। धनतेरस पर इस बार बहुत ही शुभ योग निर्मित हो रहा है। देश में समृद्धि रहेगी और कोष भरा रहेगा। अभिजीत मुहूर्त में भोर में माता का पूजन व आरती के बाद खजाने की पूजा की जाएगी। वर्ष में सिर्फ चार दिन भक्तों को दर्शन का अवसर मिलता था, लेकिन लगातार दूसरे वर्ष भी पांच दिन स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।