ज्ञानपापी के 32 साल पुराने मुकदमे में हिंदू पक्ष ने अदालत के सामने अपना मत प्रस्तुत किया और परिसर के शेष भू भाग का वैज्ञानिक सर्वे कराने की मांग रखी। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 अक्टूबर है और इस दिन मुस्लिम पक्ष हिंदू पक्ष के मत के विरोध में अपना मत रखेगा।

Hindu side presented its opinion in the next hearing on October 19 in the 32-year-old case of Gyanvapi

वाराणसी के सीविल कोर्ट में ज्ञानवापी मामले में चल रही सुनवाई के क्रम में हिंदू पक्ष ने अपना मत रखा और परिसर में शेष भाग के वैज्ञानिक सर्वे को लेकर दलील दी। कोर्ट ने दलील सुनी और मामले की सुनवाई के लिए आने वाली 19 अक्टूबर की तारीख दी है। अगली तारीख को मुस्लिम पक्ष अपना मत हिंदू पक्ष के मत के विरोध में कोर्ट के सामने रखेगा। ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े 1991 के वाद स्वयंभू एन्सिएंट आइडल लॉर्ड विशेश्वर के मुकदमे में सुनवाई जारी है। इस मामले में वादमित्र की ओर से प्रतिउत्तर के साथ दलील दी गई। पूर्व की तिथियों पर वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता तथा अंजुमन इंतजामिया कमेटी की तरफ से तथा वादमित्र की ओर से बहस की जा चुकी है। 

मामले पर गौर करें तो वर्ष 1991 में उस वक्त के अधिवक्ता दान बहादुर ने सोमनाथ व्यास ,डॉक्टर रामरंग शर्मा और हरिहर पाण्डेय ने वाद दाखिल कर तीन बिंदु रखे। केस आगे बढ़ा सुनवाई हुई। 1998 में मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट जाकर मामले में स्टे लेकर आया और स्टे का आधार प्लेसेज आफ वर्षिप एक्ट दिया गया । केस शिथिल पड़ गया। बाद में 2018 में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आता है और स्टे निष्प्रभावी हो जाता है। 2019 में हिन्दू पक्ष द्वारा एएसआई सर्वे की मांग रखी जाती है।वर्ष 2021 में मुस्लिम पक्ष सर्वे पर स्टे ले लेता है। 2023 में हाईकोर्ट आदेश देता है कि छः महीने में इस मामले का निस्तारण हो।इस पर सुनवाई जारी है।

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