समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर की गई टिप्पणी माफिया और मठाधीश में कोई ज्यादा फर्क नहीं होता पर संत समाज ने आक्रोश जताया है। संतों ने अखिलेश के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला फूंका। इसके साथ ही इस टिप्पणी के लिए अखिलेश यादव को संत समाज से माफी मांगने की मांग की। बदरीनाथ रोड स्थित ब्रह्मपुरी राम तपस्थली आश्रम में संत समाज एकत्रित हुए। आश्रम के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सनातन धर्म के प्रहरी संतों के बारे में जिस प्रकार की टिप्पणी की है, वह बहुत ही अशोभनीय है। संत समाज इसकी निंदा करता है। उन्हें सारे संत समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। कहा, अब अखिलेश यादव टिप्पणी को लेकर लीपापोती कर रहे हैं। अगर उन्होंने संत समाज से माफी नहीं मांगी तो संत उन्हें उत्तराखंड में प्रवेश नहीं करने देंगे। तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि संत समाज योगी आदित्यनाथ का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। साध्वी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती, स्वामी उमेशानंद सरस्वती, स्वामी आलोक हरि महाराज ने भी नाराजगी व्यक्त की। इस मौके पर महंत महावीर दास, महंत प्रमोद दास, महंत राजू दास, महंत करुणाशरण, महंत छोटन दास, महंत रविंद्र दास, महंत कन्हैया दास, महंत श्यामसुंदर दास, मयंक, स्वामी चक्रपाणि आदि मौजूद रहे।

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