इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन के स्वामित्व को लेकर हिंदू पक्षकारों की ओर से दाखिल सभी 15 सिविल वादों को सुनने योग्य मानते हुए मुस्लिम पक्ष की पांचों आपत्तियां खारिज कर दीं। ईदगाह कमेटी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट द्वारा हिंदू पक्ष के दावों को सुनवाई योग्य मानने के बाद इस मामले में मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। लगभग 1600 पेज की याचिका को अब सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा। एक अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह विवाद को सुनवाई योग्य माना था। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन के स्वामित्व को लेकर हिंदू पक्षकारों की ओर से दाखिल सभी 15 सिविल वादों को सुनने योग्य मानते हुए मुस्लिम पक्ष की पांचों आपत्तियां खारिज कर दीं। ईदगाह कमेटी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अपील दाखिल कर कहा गया है कि हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष के दावों को जो सुनवाई योग्य माना है वह गलत है। मुस्लिम पक्ष के इस प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुस्लिम पक्ष की इस अपील पर हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट लगाई है। हम भी अपना पक्ष रखेंगे। बताया कि सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट संख्या 2 में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार इस पूरे मामले की सुनवाई करेंगे।शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद के मुताबिक 1600 पन्नों की रिट दाखिल की गई है। हाईकोर्ट ने उपासना अधिनियम, परिसीमा अधिनियम, वक्फ एक्ट के प्रावधानों को नजरअंदाज किया है। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से अपना पेश करेंगे।