लाल बाग के राजा को बुधवार को भव्य तरीके से विदाई दी गई। इस दौरान पूरा आयोजन मराठी रंग में रंग गया। ढोल-नगाड़ों और श्रीगणेश के उद्घोष के साथ लक्ष्मीकुंड में प्रतिमा का विसर्जन हुआ।
पांच दिनों तक काशीवासियों को दर्शन देने के बाद लालबाग के राजा को बुधवार को विदाई दी गई। 1700 मीटर लंबी विसर्जन शोभायात्रा के दौरान काशी में मराठी रंगत नजर आई। गणपति बप्पा मोरया… का जयघोष करते हुए भक्तों की टोली साथ-साथ चल रही थी। लक्ष्मीकुंड में विसर्जन के साथ ही प्रथम पूज्य को अगले साल फिर से आने का न्योता दिया गया। बुधवार को श्री काशी मराठा गणेश उत्सव समिति के पांच दिवसीय श्री गणेश महोत्सव का समापन हुआ। ठठेरी बाजार स्थित शेरवाली कोठी से मराठा समाज की ओर से भगवान गणपति की शोभायात्रा व विसर्जन यात्रा आरंभ हुई। धनंजय खुंटे महाराज ने विधिवत पूजा अर्चना की। श्रीकाशी मराठा गणेश उत्सव समिति के संरक्षक संतोष पाटिल व अध्यक्ष आनंद राव सूर्यवंशी ने अपनी टीम के साथ लालबाग के राजा की पूजा और महाआरती की। महिला मंडल की स्मिता पाटिल ने श्रीगणेश जी को हल्दी और कुमकुम अर्पित कर सदा सुहागन का आशीर्वाद लिया। महिलाओं ने एक दूसरे को हल्दी और कुमकुम लगाकर बधाई दी। पूजन के बाद विसर्जन यात्रा शुरू हुई।शोभायात्रा में महाराष्ट्र के तासगांव से आए अस्सी कलाकारों की टीम ने अपनी कला के विविध रंग बिखेरे। शोभायात्रा शेर वाली कोठी से प्रारंभ होकर चौक, बाबा काशी-विश्वनाथ धाम, बांस फाटक, गोदौलिया, गिरजाघर, लक्सा रोड होते हुए लक्ष्मी कुंड पहुंची।