हरिद्वार में कुंभ मेले के कराए जा रहे सभी निर्माण कार्य तय समय में पूरे करने के लिए राज्य सरकार ने कमिश्नर और मेलाधिकारी के अधिकार बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। मेलाधिकारी को किसी निर्माण कार्य को दो भागों में सब लेट करने का भी अधिकार होगा। साथ ही टेंडर की अवधि भी सात दिन ही रहेगी। साथ ही राज्य के प्रीमेट्रिक स्तर के 42 हजार से ज्यादा छात्रों की गत दो वर्ष की छात्रवृत्ति का भुगतान सरकार ने खुद अदा करने का निर्णय लिया है।
सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कुंभ मेला में निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए कमिश्नर को पांच करोड़ व मेलाधिकारी को दो करोड़ रुपये तक के कार्य कराने का अधिकार दिया गया है। सीएम ने इस प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी, अब कैबिनेट ने भी इस पर मुहर लगा दी। साथ ही मेलाधिकारी को किसी काम की अहमियत को देखते हुए उसका 50 फीसदी विस्तार करने का अधिकार भी दे दिया गया है।
हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार कुंभ मेले के लिए एसओपी तय करने के लिए केंद्र सरकार से एक दौर की वार्ता कर ली गई है। सरकार ने राज्य की 21 कार्यदायी संस्थाओं में से यूपी राजकीय निर्माण निगम और यूपी समाज कल्याण निर्माण निगम को बाहर करने और एलएन पंत को बजट सलाहकार के रूप में नियुक्त करने को विधिवत रूप से मंजूरी दे दी।
कुंभ पर केंद्र सरकार जारी करेगी एसओपी
कुंभ के लिए एसओपी केंद्र सरकार जारी करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने एसओपी को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ प्रारंभिक विचार-विमर्श कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, कुंभ की एसओपी सख्त हो सकती है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि एसओपी जल्द राज्य को मिल जाएगी। सूत्रों के अनुसार, शहरी विकास विभाग ने एसओपी के बिंदु केंद्रीय गृह मंत्रालय को उपलब्ध करा दिए हैं।
गत दिवस इस पर केंद्रीय विशेषज्ञों ने राज्य के अधिकारियों से विचार विमर्श किया। इसमें एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणवीर गुलेरिया, आईसीएमआर से डॉ.बलराम भार्गव जैसे विशेषज्ञ शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस रहने तक सोशल डिस्टेंस, फेस मास्क और नियमित जांच जैसी व्यवस्था को बरकरार रखने पर जोर दिया है।