उज्जैन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर भगवान के कारण ही प्रसिद्ध था, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद जैसे-जैसे उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ती गई, वैसे ही उज्जैन भी प्रॉपर्टी हब बन गया। वर्तमान में स्थितियां कुछ ऐसी हैं कि यह शहर चारों ओर से सड़क कनेक्टिविटी से तो जुड़ा ही हुआ है लेकिन इसके साथ ही उज्जैन शहर औद्योगिक क्षेत्र हो या फिर अन्य स्थान सभी जगह पर प्रॉपर्टी बूम साफतौर पर दिखाई दे रहा है। 
उज्जैन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर भगवान के कारण ही प्रसिद्ध था, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद जैसे-जैसे उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ती गई, वैसे ही उज्जैन भी प्रॉपर्टी हब बन गया। वर्तमान में स्थितियां कुछ ऐसी हैं कि यह शहर चारों ओर से सड़क कनेक्टिविटी से तो जुड़ा ही हुआ है लेकिन इसके साथ ही उज्जैन शहर औद्योगिक क्षेत्र हो या फिर अन्य स्थान सभी जगह पर प्रॉपर्टी बूम साफतौर पर दिखाई दे रहा है। इंदौर के बाद उज्जैन में भी प्रॉपर्टी की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। इंदौर की तरह उज्जैन संभाग में भी प्रॉपर्टी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होने के साथ ही यह शहर भी अब राजस्व में अव्वल आने लगा है। बताया जाता है कि 2 सालों में प्रदेश का सबसे बड़ा निवेश उज्जैन में ही हुआ है। यहां औद्योगिक नगर विक्रम उद्योगपुरी का निर्माण देवास रोड पर किया गया है जो कि 442 हेक्टेयर क्षेत्र में बनी हुई है। यहां 13000 करोड़ के उद्योग अब तक आ चुके हैं और इन उद्योगों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे लगभग 78,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। जल्द ही यह शहर धार्मिक नगरी के साथ ही औद्योगिक नगरी के नाम से भी जाना जाए, इसीलिए यहां पर एयरपोर्ट, शासकीय मेडिकल कॉलेज, सड़क, बिजली, पानी की ऐसी सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की जा रही है, जोकि औद्योगिक क्षेत्र के लिए सबसे आवश्यक होती है।