निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के बाद अपने पूर्वजों की याद में पानी से भरी सुराही और हाथ से हिलाने वाले पंखे दान किए। विभिन्न राजनैतिक, धार्मिक संगठनों की ओर से जगह-जगह मीठा शरबत वितरित किया गया। त्रिवेणीघाट, मुनि की रेती, तपोवन, लक्ष्मणझूला और स्वर्गाश्रम के गंगा घाट और तटों पर निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने गंगा घाट पर बैठे साधु-संतों और जरूरतमंद लोगों को अन्न, धन, जल आदि का दान किया।त्रिवेणीघाट पर पूजा-अर्चना के लिए आए बिहार के पंडित जीतवाहन मिश्रा ने कहा कि एकादशी का व्रत पांडव पुत्र भीम ने भी रखा था। मान्यता है कि पांच भाइयों में से भीम बहुत खाता था। एक बार भगवान कृष्ण ने उन्हें निर्जला एकादशी व्रत करने काे कहा, तब भीम ने यह निर्जला एकादशी का व्रत रखा था।