बड़कोट। यमुनोत्री धाम में स्नान घाटों का निर्माण नहीं हो पाया है, जिससे श्रद्धालु बोल्डर और पत्थरों के बीच जान जोखिम में डालकर स्नान करने को मजबूर है। स्नान घाट नहीं होने से यहां हर पल दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए इन दिनों बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और यमुना नदी में डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन यहां स्नान के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं है। ऐसे में श्रद्धालु बोल्डर व पत्थर के बीच स्नान करने को मजबूर हैं। गत रविवार को ही राजकोट गुजरात से आई एक महिला श्रद्धालु धाम में यमुना नदी में स्नान करते समय पैर फिसलने से बह गई थी, जिसे फायर कर्मियों ने बचाया था। वर्तमान में बढ़ते तापमान के चलते यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है।

जलस्तर बढ़ने से दुर्घटना का खतरा भी बढ़ गया है। पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल, पंच पंडा समिति के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन उनियाल ने शासन-प्रशासन पर यमुनोत्री धाम के प्रति शासन-प्रशासन पर उपेक्षापूर्ण रवैये का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के बावजूद सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां स्नान घाटों का निर्माण नहीं होना शासन-प्रशासन के उपेक्षा पूर्ण रवैये को दर्शाता है। डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है कि यमुना नदी तट पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर एसडीआरएफ, फायरकर्मी तैनात किए गए हैं। धाम के विकास को लेकर मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।

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