लोहाघाट (चंपावत)। पूर्वजों की विरासत काली कुमाऊं की खड़ी होली को संरक्षित करने के लिए लोहाघाट नगर में आयोजित होने वाले होली रंग महोत्सव के चलते क्षेत्र का नाम उत्तराखंड सहित देश के कौने कौने में रोशन हुआ है। रामलीला कमेटी की पहल पर नशा मुक्त और उल्लास के साथ होने वाली यहां की होली को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। लोहाघाट का होली रंग महोत्सव युवा पीढ़ी को अपनी पुरातन संस्कृति को बरकरार रखने का संदेश दे रहा है।
आज के समय में युवा वर्ग अपने महोत्सवों, त्यौहारों, रीति रिवाजों से दूर होते जा रहे हैं। युवा इन सामूहिक आयोजनों में भाग लेने के बजाय वह अकेले रहना या टोलियों में जाकर नशापान करने में ज्यादा रुचि रख रहे हैं। रामलीला कमेटी होली रंग महोत्सव में क्षेत्र के विभिन्न गांवों से होल्यारों की टीमों को आमंत्रित कर अपने गांवों की होलियों का प्रदर्शन करने के लिए मंच प्रदान कर रही है। बिना सफेद पोषाक पहने किसी भी होली टीम में होल्यार शामिल नहीं होता है।

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