मकर संक्रांति स्नान पर्व के अवसर पर देश के कोने-कोने से आए लगभग 7 लाख 11 हजार श्रद्धालुओं ने आरती के समय तक हरकी पैड़ी सहित कुंभ क्षेत्र के अन्य समस्त घाटों पर डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। इस बीच भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए ‘तीन डुबकी, एक स्नान’ का मंत्र मेला प्रशासन ने अपनाया। मकर संक्रांति स्नान को लेकर बुधवार की देर रात 12 बजे के बाद से ही हरकी पैड़ी एवं अन्य घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। यातायात एवं पार्किंग ड्यूटी पर तैनात पुलिस ने वाहनों को निर्धारित चमगादड़ टापू पार्किंग तक पहुंचाया।घाटों, गलियों और पैदल मार्ग पर लगे पुलिस बल ने पैदल यातायात व्यवस्था का पालन कराते हुए स्नानार्थियों को स्नान घाटों तक पहुंचने में सहायता की। इस दौरान घाटों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए तैनात पुलिस बल ने ‘तीन डुबकी, एक स्नान’ मंत्र को ध्यान में रखते हुए घाटों को खाली कराया। इससे नए आने वाले श्रद्धालु आसानी से स्नान करते रहे। पुलिस महानिरीक्षक कुंभ मेला संजय गुंज्याल स्नान शुरू होने के बाद से ही प्रमुख स्नान घाटों पर स्नानार्थियों की संख्या, चमगादड़ टापू पार्किंग में वाहनों की संख्या एवं यातायात की स्थिति का जायजा लेते रहे।इस दौरान उन्होंने कुभ मेला एसएसपी जन्मजेय खंडूरी के साथ हरकी पैड़ी, अपर रोड, मुख्य बाजारों, भीमगोडा, चमगादड़ टापू पार्किंग आदि का स्थलीय भ्रमण कर ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल का मार्गदर्शन किया और उनका उत्साह भी बढ़ाया। मेला क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार के जारी निर्देशों का पालन करने के लिए श्रद्धालुओं से अपील की जा रही थी। कुछ श्रद्धालुओं ने मास्क का प्रयोग मेला क्षेत्र में नहीं किया। वहीं मेले में ऋषिकेश से आए विदेशी श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ की टीम ने मास्क देकर संक्रमण के बचाव को लेकर जागरूक किया। इस दौरान प्रशासन ने हरिद्वार क्षेत्र में 974 व ऋषिकेश क्षेत्र में 58 लोगों के चालान किए गए। हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों पर अभिसूचना विभाग के अधिकारी और कर्मचारी लगातार चेकिंग करते रहे। हरकी पैड़ी की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं की हैंड हेल्ड डिवाइस व मेटल डिटेक्टर से चेकिंग की गई। इसके साथ ही उत्तराखंड आतंकवाद निरोधक दस्ते, उत्तराखंड पीएसी एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान भी किसी भी विपरीत परिस्थिति से निबटने के लिए अपनी-अपनी जगहों पर तैनात रहे। अग्निशमन विभाग की सभी 12 टीमें पूरी तैयारी के साथ निर्धारित स्थलों पर अग्निशमक उपकरणों और फायर टेंडर सहित किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैनात थी।वहीं जल पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा राहत दल की सम्मिलित टीमें 5 स्थानों हरकी पैड़ी, भूमा निकेतन, प्रेमनगर आश्रम, जटवाड़ा पुल, नमामि गंगे घाट और चंडी घाट क्षेत्र में स्थित घाटों पर स्नान करते लोगों से लगातार सतर्क करते हुए निगरानी करती रही। स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा निकालने के लिए प्रशासन ने चमगादड़ पार्किंग को निशुल्क किया हुआ था। यहां आने वाली हर छोटी और बड़ी गाड़ी की संख्या के आधार पर श्रद्धालुओं का आंकड़ा निकाला गया।आईजी कुंभ मेला ने ड्यूटी में लगे सभी जोनल एवं सेक्टर प्रभारियों की शुक्रवार को डी ब्रीफिंग मीटिंग बुलाई है। डी-ब्रीफिंग में शामिल होने वाले समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने अधीनस्थों से मेले के दौरान भीड़ नियंत्रण, यातायात व्यवस्था और अन्य विभागों से अपेक्षित सहयोग के बारे में फीडबैक प्राप्त करें। साथ ही मकर संक्रांति स्नान को लेकर अपने सुझाव भी लेकर आए ताकि आगामी स्नान पर्वों की व्यवस्था में उपयोगी सुझावों को शामिल कर मेला व्यवस्था को और अधिक जनहितकारी व चाक-चौबंद बनाया जा सके।