भगवान वैकुंठनाथ स्वर्ण जड़ित पूर्ण कोठी में विराजमान हुए। इसके बाद वृंदावन की गलियों का भ्रमण किया। इस दौरान भक्तों ने भगवान की आरती उतारी। घर-घर स्वागत किया गया।

तीर्थनगरी मथुरा के वृंदावन में दक्षिण भारतीय शैली के श्रीगोदा हरिदेव दिव्यदेश मंदिर में 20वें ब्रह्मोत्सव का शुभारंभ बृहस्पतिवार को हो गया। पहले दिन की सुबह दक्षिण भारत से आए आचार्य संपत कुमार ने भगवान वैकुंठनाथ, श्रीदेवी, भूदेवी, नीला देवी का पूजन कराया। पूजन के बाद आचार्यों ने भगवान को दिव्य पूर्ण कोठी वाहन में मंत्रोच्चारों के मध्य विराजमान किया। मंदिर में भ्रमण करने के बाद भगवान की सवारी बैंड बाजे के साथ धूमधाम से नगर भ्रमण के लिए निकली। भगवान की सवारी मंदिर से शुरु होकर चुगी चौराहा, गोपीनाथ बाजार होते हुए ज्ञानगुदड़ी पहुंची। यहां पर कुछ समय के विश्राम के बाद पुन: मंदिर पहुंची। इस दौरान भक्तों ने मार्गों पर रंगोली बनाकर सवारी का जोरदार स्वागत किया। आरती की गई। सवारी में बैंड बाजे की धुन पर भक्तजन नाचते हुए चल रहे थे। वहीं आचार्य गण श्लोकों का वाचन करते रहे।