ज्ञानवापी मामले में मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने पक्ष रखा। हिंदू पक्ष और यूपी सरकार को दलीलें पेश करने का मौका नहीं मिला। 15 फरवरी को फिर से सुनवाई होगी।

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। लगभग डेढ़ घंटे तक मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने पक्ष रखा। हिंदू पक्ष और यूपी सरकार को दलीलें पेश करने का मौका नहीं मिला। 15 फरवरी को फिर से सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में पिछले बुधवार को ज्ञानवापी तहखाने में मिले पूजा के अधिकार को जहां मंदिर पक्ष ने सही बताया था। वहीं मुस्लिम पक्ष ने मंदिर पक्ष और यूपी सरकार के बीच साठगांठ होने का आरोप लगाया। प्रकरण सुन रही न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने दोनों पक्षों से अपना-अपना दावा साबित करने को कहा है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करीब सवा दो घंटे तक चली थी। मंदिर पक्ष से अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बहस की थी। कहा, 1993 तक सोमनाथ व्यास और उनका परिवार ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा करता रहा है। दिसंबर-93 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने इस पर रोक लगाई थी।