माघ मेले में आयोजित गो संसद में गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का प्रस्ताव पास किया गया। साथ ही गो वध करने पर मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। इस प्रस्ताव का चारों पीठ के शंकराचार्यों के साथ ही मौजूद संतों और संन्यासियों ने समर्थन किया।

माघ मेला में मंगलवार को पहली बार हुई गो संसद में चारों पीठों के शंकराचार्यों की सहमति से गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान गो -संसद में लिए गए निर्णयों के आधार पर 21 सूत्रीय घोषणा पत्र जारी किया गया। इसमें गो हत्या पर मृत्युदंड का प्रावधान लाने,गाय को पशुओं की सूची से अलग कर गो मंत्रालय का गठन करने और स्कूलों में मिड-डे मील में पुष्टाहार की जगह बच्चों को गाय का दूध पिलाने की बात प्रमुखता से शामिल है।