मंगलाचरण पूजन के साथ काशी सुमेरू पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती और श्रीधराचार्य जी महाराज ने उन्हें उत्तरीय ओढ़ाकर उनका पट्टाभिषेक किया। साथ ही उनसे मंगल शासन और सनातन धर्म की रक्षा का आह्वान भी किया।

माघ मेला क्षेत्र स्थित वैकुंठ धाम आश्रम के शिविर में बुधवार को श्रृंग्वेरपुर पीठाधीश्वर नारायणाचार्य शांडिल्य का पट्टाभिषेक किया गया। इस मौके पर प्रयाग पीठाधीश्वर रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य ने उन्हें उपाधि प्रदान करते हुए जगद्गुरु रामानुजाचार्य पद पर अलंकृत किया। मंगलाचरण पूजन के साथ काशी सुमेरू पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती और श्रीधराचार्य जी महाराज ने उन्हें उत्तरीय ओढ़ाकर उनका पट्टाभिषेक किया। साथ ही उनसे मंगल शासन और सनातन धर्म की रक्षा का आह्वान भी किया।इसी क्रम में स्वामी विद्याभाष्कर महाराज, घनश्यामाचार्य महाराज, खटला मठ के स्वामी रामेश्वराचार्य महाराज, नरसिंह मंदिर के सुदर्शनाचार्य महाराज, सच्चा आश्रम के चंद्रदेव महाराज ने भी शाल ओढ़ाकर आशीर्वचन प्रदान किया। पट्टाभिषेक के बाद जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य महाराज ने कहा, सनातन धर्म की रक्षा की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। इसके निर्वहन में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। इसके बाद शिविर से शोभायात्रा निकाली गई, जो संगम नोज पर पहुंची। वहां पर गंगा पूजन के बाद स्वामी शांडिल्य महाराज ने लेटे हनुमान जी, फिर भरद्वाज मुनि आश्रम पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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