त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में माता पार्वती और भगवान भोलेशंकर की पूजा की जाती है। इस दिन प्रदोष काल में की गई भगवान शिव की पूजा कई गुना ज्यादा फलदायी होती है।

फरवरी माह में पहला प्रदोष व्रत आज यानी 7 तारीख को है। पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो बार त्रयोदशी तिथि पड़ती है और दोनों त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और शिव जी की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसा इस व्रत को करने शिव जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों का जीवन सुख-शांति और समृद्धि से भर देते हैं। जो भी व्यक्ति नियम और निष्ठा के साथ प्रदोष व्रत रखता है, उसके सभी कष्टों का नाश होता है। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में माता पार्वती और भगवान भोलेशंकर की पूजा की जाती है। इस दिन प्रदोष काल में की गई भगवान शिव की पूजा कई गुना ज्यादा फलदायी होती है।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार पौष माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 07 फरवरी के दिन दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से हो रही है। इसका समापन 08 फरवरी को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर होगा। शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है इसलिए 07 फरवरी को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
पूजा का मुहूर्त
07 फरवरी को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 05 से 08 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। बुधवार के दिन पड़ने के कारण इस प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा।