पौष पूर्णिमा के दिन व्रत, गंगा स्नान एवं दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलता है।

पौष माह में शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पौष पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। इस साल यह तिथि 25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन व्रत, गंगा स्नान एवं दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलता है। पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान और व्रत के अलावा रात्रि के समय में चंद्र देव और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पौष पूर्णिमा के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:12 बजे से 12:55 बजे तक है। साथ ही इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और गुरु पुष्य योग का अद्भुत संयोग भी बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार इस शुभ योग में पुण्य और धार्मिक काम करने से ज्यादा फल मिलता है।  25 जनवरी को चंद्रोदय शाम करीब 5 बजकर 29 पर होगा। इसके बाद आप चंद्रमा को अर्घ्य इसी समय दे सकते हैं। वहीं पूर्णिमा तिथि पर रात्रि के समय मां लक्ष्मी की पूजा करें। इससे घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी और सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

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