कन्नौज से रामलला की भेंट रामसेवकपुरम पहुंच चुकी है। 40 किलो बेला व 20 किलो मेंहदी जल तैयार करने के लिए करीब पांच सौ किलो तक बेला और मेंहदी लगी है।

Ram Mandir Perfume prepared from herbs from Kannauj reached Ayodhya

राज्याभिषेक के बाद प्रभु श्रीराम राजगद्दी पर बैठे, तो रामचरित मानस में बाबा तुलसीदास लिखते हैं…राम राज बैठे त्रैलोका, हर्षित भए गए सब सोका, बयरू न कर काहू सन कोई, राम प्रताप विषमता खोई। यानी, पूरे राज्य में चारों दिशाओं में राम के प्रताप से सब के मनों के भेदभाव या कुटिलता नष्ट हो गई। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन रामलला के पूजन के लिए विशेष इत्र को भी इसी भाव से तैयार किया गया है। इत्रनगरी कन्नौज का बना यह इत्र गुरुवार को कारसेवकपुरम पहुंच गया। कन्नौज अतर्स एंड परफ्यूम्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन त्रिवेदी ने बताया कि भगवान को भेंट करने के लिए केवड़ा जल पुरी के जगन्नाथ मंदिर की धरती ओडिशा में तैयार कर कन्नौज लाया गया। पश्चिम व दक्षिण से चंदन तेल और संदल जल तैयार करने के लिए कर्नाटक और महाराष्ट्र से चंदन की लकड़ी मंगवाई गई। देवभूमि उत्तराखंड से जड़ी-बूटियां मंगवाकर इत्र में शामिल किया गया, ताकि सर्दी में यह इत्र भगवान को ठंड से बचाए रखे। इत्र में कन्नौज के फूल शामिल किए गए।

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