छोटी काशी के नाम से मशहूर जयपुर में संपूर्ण भारत के प्राचीन एवं विलुप्त मंदिरों के पुनरुत्थान के लिए मैत्रेय संस्थान एवं हिंदू टेम्पल डेवेलपमेंट एंड रिस्टोरेशन ट्रस्ट के बैनर तले आधा दर्जन धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं तथा सभी प्रमुख पीठ, मठ, मंदिर के संतों-महंतों, धर्माचार्यों ने एक मंच पर संकल्प लिया।
जवाहर कला केंद्र में गुरुवार को भारत में प्राचीन मंदिर पुनर्निर्माण संकल्प यात्रा की शुरुआत हुई, जिसमें समाज के सहयोग से देश के मंदिरों को पुनर्जीवित करने हेतु संकल्प लिया गया। उत्तर भारत की प्रमुख वैष्णव पीठ श्री गलताजी के पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज के सान्निध्य में विभिन्न धर्माचार्यों ने इस संकल्प यात्रा का श्रीगणेश किया। मुख्य अतिथि एवं हवामहल सीट से विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि देश को पुन: विश्वगुरू बनाने का समय आ गया है। हालांकि अभी चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में मां भारती परम वैभव को प्राप्त करेगी। आचार्य हिमानी शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा राजस्थान के सभी जिलों से होकर गुजरेगी और पूरे देश में जाएगी। यात्रा के दौरान विभिन्न मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया जाएगा एवं खंडित मूर्तियों के स्थान पर नवीन प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। आचार्य हिमानी शास्त्री ने बताया कि इस मौके पर संत समाज ने संकल्प पत्र जारी किया है। जिसके तहत प्राचीन मंदिरों के पुनर्निर्माण, प्राचीन सांस्कृतिक विधाओं, कलाओं की शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था करना, मंदिरों की रसोई में निर्मित प्रसाद एवं भोजन को जरुरतमंदों में वितरित करने समेत विविध प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।