6 जनवरी को शिल्पी के प्रायश्चित पूजन के साथ प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। भगवान राम सूर्यवंशी हैं और आदित्य भी द्वादश हैं। इसलिए सात दिनी अनुष्ठान में भगवान के विग्रह के द्वादश अधिवास कराए जाएंगे। समारोह में 11 यजमान होंगे।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पूजन की शुरुआत मूर्ति निर्माण स्थल कर्मकुटी से होगी। 16 जनवरी को शिल्पी के प्रायश्चित पूजन के साथ प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। भगवान राम सूर्यवंशी हैं और आदित्य भी द्वादश हैं। इसलिए सात दिनी अनुष्ठान में भगवान के विग्रह के द्वादश अधिवास कराए जाएंगे। समारोह में 11 यजमान होंगे। उनके यम, नियम व संयम 15 तारीख से शुरू होंगे। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक तिवारी ने बताया कि 17 जनवरी को श्री विग्रह का परिसर भ्रमण होगा। इसके बाद तीर्थों के जल से गर्भगृह की शुद्धि होगी। 18 तारीख से विग्रह के अधिवास शुरू होंगे। पहले दिन दोनों समय जलाधिवास के साथ सुगंधि व गंधाधिवास भी होगा। 19 जनवरी को प्रातः फलाधिवास और शाम को धान्याधिवास होगा। 20 तारीख को सुबह पुष्प व रत्नाधिवास, शाम को घृताधिवास होगा। 21 जनवरी को प्रात: शर्करा, मिष्ठान व मधु अधिवास होगा। शाम को औषधि और शय्याधिवास कराया जाएगा।

22 को दर्पण देखेंगे प्रभु राम
16 से 22 तारीख तक चतुर्वेद यज्ञ होगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के ब्रह्मा गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, प्रमुख आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, सुनील दीक्षित, गजानंद जोगकर, अनुपम दीक्षित, घटाटे गुरुजी अनुष्ठान कराएंगे। इसमें 11 यजमान भी होंगे। 22 जनवरी को मध्य दिवस में श्री रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी खोली जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा।

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