आयोजकों के अनुसार हवन और पूजन क्षेत्र में आतंकवाद का दौर शुरू होने के बाद से बंद था।

श्रीनगर का दिल कहे जाने वाले लाल चौक घंटा घर से कुछ दूरी पर स्थित माईसुमा इलाके में करीब 350 साल पुराने आनंदेश्वर भैरवनाथ जी मंदिर में शनिवार को करीब 32 साल बाद पहली बार हवन और भव्य पूजन किया गया। आयोजकों के अनुसार हवन और पूजन क्षेत्र में आतंकवाद का दौर शुरू होने के बाद से बंद था। आनंदेश्वर भैरवनाथ अस्थापन ट्रस्ट ने भैरवनाथ जी की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया है। हवन के बाद दिनभर मंदिर परिसर में भजन गूंजते रहे। काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर में माथा टेका। ट्रस्ट के सदस्य हीरा लाल ने कहा कि 32 साल से अधिक समय बाद मंदिर को खोलकर हवन और पूजन किया गया है। उनका कहना है कि मंदिर क्षेत्र में हालात खराब होने के कारण सालों तक मंदिर बंद रहा। अब हालात में सुधार होने के चलते पूजन संभव हो पाया है। कार्यक्रम में 150 से अधिक लोगों को हवन में आमंत्रित किया गया था। मंदिर में आयोजन से हर श्रद्धालु के चेहरे पर खुशी थी। मंदिर पर फारसी भाषा में लिखी प्लेट के अनुसार मंदिर करीब 350 साल से भी अधिक पुराना है। स्थानीय लोगों के सहयोग से दोबारा मंदिर में हवन और पूजा का आयोजन किया जा सका है। हवन और पूजा के बाद काफी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भजन गाए। समापन पर भक्तों में प्रसाद बांटा गया। आयोजन के दौरान सीआरपीएफ जवान सुरक्षा में तैनात रहे।