वृंदावन के बंदरों का मिजाज कुछ बदल गया है। अब तक पलक झपकते ही चश्मा उड़ाने वाले बंदरों की नजर अब टोपी पर है। इसके साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं के मफलर, पर्स और मोबाइल भी सुरक्षित नहीं हैं।

मथुरा के वृंदावन में देशभर से आ रहे श्रद्धालु जब चश्मा, मोबाइल, पर्स और प्रसाद को सुरक्षित रखने लगे तो बंदरों ने अब श्रद्धालुओं के सिर से टोपी, पीकैप और मफलर ले जाने लगे हैं। बांकेबिहारी मंदिर क्षेत्र में बंदर श्रद्धालुओं के लिए ठंड में मुसीबत बने हुए हैं। वहीं स्थानीय युवक बंदरों से टोपी और मफलर छुड़ाने का सुविधा शुल्क ले रहे हैं। वहीं सिर से टोपी ले जाने पर बंदर श्रद्धालुओें के लिए कौतुहल का विषय बने हुए हैं। सर्दी में वृंदावन के बंदरों श्रद्धालुओं से फ्रूटी और खाने की वस्तु पाने के लिए नया तरीका अपना रहे हैं। चेहरे से चश्मा, हाथ से मोबाइल और पर्स ले जाने में माहिर बंदरों को देशभर से आ रहे श्रद्धालु जान गए और सावधान हो गए हैं और वह बंदरों से बचाव के लिए कीमती वस्तुओं को संभालकर रखने लगे हैं, लेकिन सर्दी से बचाव के लिए श्रद्धालु टोपी ल लगाकर आ रह हैं तो बंदरों ने भी अब सिर से टोपी, मलफर, पी कैप उतारकर ले जाने लगे हैं।  सर्दी के समय में बंदरों से टोपी और मफलर बचाने के लिए श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। बंदरों द्वारा टोपी ले जाने पर उन्हें छुड़ाने का स्थानीय युवकों ने आमदनी का साधन बना लिया है। वे उत्पाती बंदरों से फ्रूटी देकर टोपी, मलफर छुड़ा रहे हैं, इसके बदले श्रद्धालुओं से 50 से सौ रुपए तक ले रहे हैं।

हरिनिकुंज चौराहा, विद्यापीठ चौराहा, गौतमपाड़ा तिराहा, पक्का चबूतरा, बांकेबिहारी पुलिस चौकी, बांकेबिहारी मंदिर का चबूतरा, वीआईपी रोड, जादौन पार्किंग, जुगलघाट तिराहा, वनखंडी तिराहा, राधादामोदर मंदिर के सामने, शाहजी मंदिर के सामने, निधिवन मार्ग, राधारमण मदिर तिराहा, चीरघाट आदि क्षेत्रों पर श्रद्धालु बंदरों के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं।

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