डीएम कृष्णा करुणेश ने कहा कि योगगुरु परमहंस योगानंद की जन्मस्थली को संरक्षित और सुव्यवस्थित करने की योजना है। उनके फॉलोअर्स पूरी दुनिया में हैं। पयर्टन के लिहाज से यह बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। कई विदेशी भी उनकी जन्मस्थली को देखने आते हैं। जिस घर में वे रहते थे, वह करीब 1200 वर्ग मीटर में है।

Birthplace of Paramahansa Yogananda will be preserved as heritage

दुनियाभर में योग का प्रचार-प्रसार करने वाले योगगुरु परमहंस योगानंद (मुकुंद लाल घोष) की जन्मस्थली और उनसे जुड़ीं वस्तुओं को धरोहर के रूप में प्रदेश सरकार संरक्षित करेगी। शहर के नखास स्थित घर के जिस कमरे में उनका जन्म हुआ था, उसे भी धरोहर के तौर पर संरक्षित कर परिसर को विकसित करने की योजना है। घर में अभी भी उनकी खड़ाऊं, रुद्राक्ष की मालाएं, लैंप और पुस्तकें सुरक्षित हैं। परिसर में एक संग्रहालय और योग केंद्र भी बनाने की तैयारी है।

डीएम कृष्णा करुणेश ने कहा कि योगगुरु परमहंस योगानंद की जन्मस्थली को संरक्षित और सुव्यवस्थित करने की योजना है। उनके फॉलोअर्स पूरी दुनिया में हैं। पयर्टन के लिहाज से यह बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। कई विदेशी भी उनकी जन्मस्थली को देखने आते हैं। जिस घर में वे रहते थे, वह करीब 1200 वर्ग मीटर में है। वहां अभी तीन-चार परिवार रहते हैं। शासन को एक प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है।

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