राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत रविवार को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से मिलने पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने माता राजराजेश्वरी के सामने मत्था टेका। इसके बाद पांच हजार वर्ष पूर्व महाभारत कालीन शिव मंदिर और ब्रह्मलीन संत स्वामी प्रकाशानंद महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से गोपनीय वार्ता की और संत समाज व संघ के अन्य जिम्मेदारों से भेंट के दौरान कुशलता पूछी। उन्होंने मौजूद संतों और स्वयंसेवियों तथा विचार परिवार के अन्य शीर्षजनों से 22 जनवरी को अयोध्या में मिलने का वादा किया।
जगद्गुरु ने कहा कि संत समाज ही नहीं समूचे विश्व में मौजूद रामभक्त खुश हैं। राम राज्य की परिकल्पना के साथ जिस मंदिर के निर्मााण मुहिम शुरू हुई वह आज साकार होने वाली है। इसमें प्रत्येक उस संत का त्याग और बलिदान सार्थक हो रहा है, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन की नींव रखी।