दक्षिणेश्वर काली मंदिर के पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरि निरजंनी अखाड़े के नए आचार्य महामंडलेश्वर पद पर चयनित होने के साथ ही विवादों में घिर गए हैं। स्वामी कैलाशानंद की सोमवार को सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो गईं। इसमें कैलाशानंद किसी महिला के साथ होली खेलते नजर आ रहे हैं।इससे पहले हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में सोमवार को संतों की हुई बैठक में संतों की रायशुमारी के बाद स्वामी प्रज्ञानंद को आचार्य महामंडलेश्वर के पद से निष्कासित करने के साथ ही कैलाशानंद के पट्टाभिषेक की घोषणा की गई थी।   14 जनवरी को भव्य पट्टाभिषेक होगा
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर की तलाश महीनों पहले ही पूरी हो गई थी। बीते अक्तूबर में अखाड़े की कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक में स्वामी प्रज्ञानंद के अखाड़े से दूरी पर नाराजगी जताने के साथ ही संतों की रायशुमारी के बाद नए आचार्य महामंडलेश्वर का विकल्प ढूंढा गया। संत समाज ने स्वामी कैलाशानंद के नाम पर मुहर लगाई और सर्वसम्मति से विधिवत उनका संयासी दीक्षा संस्कार कराया गया। 14 जनवरी को भव्य पट्टाभिषेक होगा।

नरेंद्र गिरि को घेरने की कोशिश
इस बीच निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर स्वामी कैलाशानंद के पट्टाभिषेक के तीन दिन पहले परी पीठाधीश्वर त्रिकाल भवंता ने चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। साध्वी त्रिकाल भवंता ने सोशल मीडिया पर वायरल हुईं कैलाशानंद की कुछ तस्वीरों को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि को घेरने की कोशिश की है।

एक संन्यासी और महिला को होली खेलते दिखाया गया
इन तस्वीरों में एक संन्यासी और महिला को होली खेलते दिखाया गया है। त्रिकाल भवंता ने दावा किया है कि रंग मिजाजी की वह तस्वीरें स्वामी कैलाशानंद की हैं। ऐसे में उन्हें आचार्य महामंडलेश्वर बनाना सनातनधर्म का माखौल उड़ाने जैसा होगा। हरिद्वार में हाल में ही अखाड़ा परिषद की बैठक में परी अखाड़े को फर्जी घोषित किए जाने के बाद साध्वी भवंता ने कहा कि अब अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को असली-नकली के फर्क को समझ लेना चाहिए।तो फिर सनातन धर्म का क्या होगा
यदि कैलाशानंद जैसे लोग ही निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बनेंगे तो फिर सनातन धर्म का क्या होगा? समझा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि स्वामी कैलाशानंद यह तस्वीरें तब वायरल हुई हैं जब मौजूदा आचार्य महामंडलेश्वर प्रज्ञानंद को अखाड़े से निष्कासित कर कैलाशानंद के पट्टाभिषेक की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस संबंध में महंत नरेंद्र गिरि से संपर्क साधा गया, लेकिन उनका फोन नहीं मिल सका।

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