प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद सड़कों पर मलबा और बोल्डर आने से 14 स्टेट हाईवे समेत कुल 229 सड़कें बंद हो गईं। सोमवार को 86 सड़कों को खोला जा सका। मंगलवार को भी सड़कें खोलने का काम जारी रहेगा।

उत्तराखंड के कई इलाकों में आज भी मौसम खराब बना हुआ है। वहीं, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार है। इसको देखते हुए मौसम विज्ञानियों ने येलो अलर्ट जारी किया है। इतना ही नहीं अगले 24 घंटे के अंदर मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश की संभावना है। बाकी जिलों में तेज गर्जना के साथ हल्की से लेकर मध्यम बारिश की संभावना है। राजधानी दून के आसमान में बादल छाए रहेंगे।
जोशीमठ-मलारी हाईवे खुला
नीती घाटी के अंतिम गांव नीती को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे मंगलवार को बीआरओ ने वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया। 31 जुलाई को देर शाम जोशीमठ-मलारी हाईवे काली मंदिर के समीप बोल्डर आने से बंद हो गया था और क्षेत्र में सेना के वाहनों के साथ ही ग्रामीणों की आवाजाही भी रुक गई थी। बीआरओ की जेसीबी ने मंगलवार को बोल्डर हटाकर हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया। इसके बाद सेना के जवानों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।
166 सड़कें बंद, 63 से हटाए अवरोध
प्रदेश में भारी बारिश से हुए भूस्खलन के कारण 166 सड़कें बंद हैं। जबकि मंगलवार को 63 सड़कों को खोल दिया गया। इस काम में 200 जेसीबी मशीनों को लगाया गया।
लोक निर्माण विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को कुल 72 मार्ग अवरुद्ध हुए, जबकि 157 मार्ग एक दिन पहले से अवरुद्ध थे। इस तरह से कुल 229 अवरुद्ध मार्गों में से 63 मार्गों को मंगलवार को खोल दिया गया। शेष अवरुद्ध सड़कों में 12 राज्य मार्ग, 05 मुख्य जिला मार्ग, 07 अन्य जिला मार्ग, 77 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। इनके अतिरिक्त पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 89 सड़कें बंद हैं। सड़कों को खोलने के काम में मंगलवार को राज्य राजमार्गों पर 19, मुख्य जिला मार्गो पर 11, अन्य जिला मार्गों पर आठ, ग्रामीण मार्गां पर 80 और पीएमजीएसवाई के मार्गों पर 82 जेसीबी मशीनों को लगाया गया है।
649 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, आपदा की स्थिति में विभिन्न शाखाओं में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 71 विभागीय टेंकर उपलब्ध हैं, जबकि किराये के 219 पेयजल टेंकर चिह्नित किए गए हैं। राज्य मेें इस वर्ष आपदा, अतिवृष्टि से वर्तमान तक कुल 649 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। सभी को अस्थायी व्यवस्था के तहत पेयजल आपूर्ति के लिए चालू कर दिया गया है।
17 गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित
टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कुछ गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित चल रही है। राज्य में कुल 39 गांवों में विद्युत बाधित थी। इसमें से 22 गांवों की विद्युत आपूर्ति पूर्णरूप से सुचारु कर दी गई है। शेष 17 ग्रामों में विद्युत आपूर्ति सुचारु करने के लिए कार्य किया जा रहा है।