रीना देवी सुबह बच्चे को स्कूल छोड़कर वापस लौट रही थी। इस दौरान रास्ते में घात लगाए बैठे गुलदार ने महिला पर हमला कर दिया

उत्तराखंड में कोटद्वार के दुगड्डा गोदी गांव में मंगलवार सुबह गुलदार ने एक महिला पर हमला कर दिया। इस दौरान महिला की मौके पर ही मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, रीना देवी (39 वर्ष) पत्नी मनोज चौधरी सुबह बच्चे को स्कूल छोड़कर वापस लौट रही थी। इस दौरान रास्ते में घात लगाए बैठे गुलदार ने महिला पर हमला कर दिया। महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है।

पौड़ी में गुलदार ने ग्रामीण को किया घायल

विकास खंड खिर्सू के बुआखाल- खिर्सू मोटर मार्ग पर गोडख्याखाल के समीप गुलदार ने एक ग्रामीण पर हमला कर उसे घायल कर दिया। घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खिर्सू में भर्ती कराया गया है। विकास खंड खिर्सू के सिंगोरी गांव निवासी मंगल सिंह रोज की तरह सोमवार सुबह करीब दस बजे मवेशियों को चुगाने के लिए गोडख्याखाल गया जहां घात लगाए बैठे गुलदार ने मंगल सिंह पर हमला कर दिया।

शोर मचाने पर गुलदार भाग गया। ग्रामीणों की मदद से मंगल सिंह को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खिर्सू में भर्ती कराया गया। वन दरोगा राकेश रावत ने घटना की पुष्टि की है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर घायल को जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा।

बष्टा गांव में ड्रोन से हो रही गुलदार की खोज

जखोली ब्लॉक के बड़मा पट्टी के बष्टा गांव में बीते 13 जुलाई को आठ वर्षीय बच्चे को मारने वाला गुलदार अभी पकड़ में नहीं आ पाया है। गुलदार का पता लगाने के लिए मंगलवार को वन विभाग ने ड्रोन से क्षेत्र में खोज की फिर भी गुलदार का कोई पता नहीं लग पाया है। विभाग की दस सदस्यीय टीम में शामिल जवान जंगल क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर निरीक्षण भी कर रहे हैं। वहीं गुलदार की दहशत के कारण बच्चे स्कूल और महिलाएं चारापत्ती लेने नहीं जा पा रही है।

बीते सप्ताह वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित करने के लिए विभागीय मुख्यालय देहरादून को पत्र भेजा था। मुख्यालय से गुलदार को चिह्नित करने के निर्देश मिले हैं। इसी के तहत मंगलवार को अगस्त्यमुनि रेंज के रेंजर यशवंत सिंह चौहान के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने बष्टा गांव पहुंचकर प्रभावित क्षेत्र में छह किमी के दायरे में ड्रोन कैमरे से गुलदार की तलाश की। रेंजर यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि पूरे क्षेत्र की जीपीएस टैगिंग भी की जा रही है, जिससे समुचित क्षेत्र का आसानी से आकलन किया जा सके।

उन्होंने बताया कि पिंजरे को अभी तक तीन, चार स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है। मगर गुलदार पकड़ में नहीं आ पा रहा है। वहीं बष्टा सहित आसपास के गांवों में गुलदार की दहशत बनी हुई है। इस कारण ग्रामीण महिलाएं चारापत्ती के लिए जंगल नहीं जा रही हैं और प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि छह दिनों से वह घरों में कैद होकर रह गए हैं। उन्होंने शासन, प्रशासन व विभाग से गुलदार से छुटकारा दिलाने की मांग की।

By Tarun

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand