श्रावण मास में भगवान शिव की भक्ति में हर कोई डूबा है। कांवड़ यात्रा में कलाकारों को अपनी कला दिखाने के साथ भगवान की भक्ति में भी लीन होने का अवसर मिल रहा है। डीजे के साथ चलने वाली कांवड़ में भगवान का वेश धारण कर नृत्य करने वाले कलाकारों को दो साल बाद रोजगार मिला है।
यात्रा में हजारों कांवड़ और झांकियां भी लाई जा रही हैं। झांकियों का आकर्षण बढ़ाने के लिए अब मंचीय कलाकारों का सहारा लिया जा रहा है। दिल्ली, हरियाणा, मेरठ, गाजियाबाद के डांस ग्रुप के कलाकार झांकियों में डीजे की मधुर धुनों पर नृत्य कर रोजी रोटी कमा रहे हैं। कलाकार भगवान शिव, पार्वती, राधा कृष्ण की वेशभूषा में नृत्य कर कांवड़ियों और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं। कुछ कलाकार आग के करतब करके लोगों को आकर्षित करते हैं। इनमें कुछ महिला बच्चे कलाकार भी शामिल हैं। इन्हें कांवड़ियों ने अपनी झांकी पर नृत्य करने के लिए पूरी यात्रा के लिए बुक कर रखा है।
कई माह चलेगा परिवार का खर्च
भारतीय कला केंद्र दिल्ली के कलाकार निरंजन, मुकेश और डिस्को डांस ग्रुप के कलाकार शीतल, रूपेंद्र ने बताया कि कांवड़ यात्रा में पुरुष कलाकार को प्रतिदिन एक हजार रुपये और महिला कलाकार को डेढ़ हजार रुपये मिलते हैं। जो लोग उन्हें इनाम देते हैं, वह उनका होता हैं। इनाम में प्रति कलाकार को रोजाना एक हजार रुपये से लेकर दो हजार तक मिल जाते हैं। कलाकारों को 8 से 10 दिन के लिए बुक किया गया है।