73 वर्षीय गोतबाया राजपक्षे ने देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच इस्तीफे की घोषणा की थी। लेकिन इससे पहले ही देश छोड़कर भाग निकले।

श्रीलंका में प्रदर्शन

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के मालदीव छोड़कर सिंगापुर चले जाने के कयास लग रहे हैं। गुरुवार देर रात खबर आई कि वह मालदीव से सिंगापुर जाने के लिए एक निजी जेट की प्रतीक्षा कर रहे थे। श्रीलंका के डेली मिरर ने यह रिपोर्ट दी थी। साथ ही डेली मिरर ने बताया कि राजपक्षे माले से सिंगापुर जाने वाले किसी विमान में सवार नहीं हुए। बताया ये भी जा रहा है कि वह सिंगापुर जाने के लिए किसी निजी एयरक्राफ्ट के लिए बातचीत कर रहे हैं। बहरहाल, स्पष्ट नहीं हुआ है कि राजपक्षे मालदीव में ही हैं या सिंगापुर जा चुके हैं।

इससे पहले गोतबाया बुधवार तड़के तीन बजे निजी जेट से श्रीलंका से मालदीव पहुंचे थे। लेकिन लगातार बदलते घटनाक्रम के बीच उन्हें इस देश में भी शरण नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने किसी और देश जाने का फैसला लिया। उन्हें 13 अप्रैल को ही इस्तीफे का आधिकारिक एलान करना था, लेकिन इससे पहले ही वह देश छोड़कर भाग निकले।
श्रीलंका में लगा कर्फ्यू 
गोतबाया राजपक्षे और सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध के बीच श्रीलंका में देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है। यहां गुरुवार सुबह तक के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं, प्रदर्शनकारी बुधवार सुबह कोलंबो में श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय में घुस गए और अभी भी यहां मौजूद हैं।

नाशीद मोहम्मद ने की मालदीव भागने में मदद
मालदीव के सूत्रों ने बताया कि देश छोडने में राजपक्षे की मदद मालदीव संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद ने की। निर्वासन के दौरान नाशीद श्रीलंका में ही रहे थे। गोतबाया राजपक्षे बुधवार तड़के तीन बजे माले पहुंचे। यहां मालदीव के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि गत रात वेलाना हवाई अड्डे पर मालदीव सरकार के प्रतिनिधियों ने राजपक्षे की अगवानी की। उन्हें पुलिस की सुरक्षा में अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है। सूत्रों ने बताया, मालदीव सरकार का तर्क है कि राजपक्षे अब भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं और उन्होंने किसी उत्तराधिकारी को अपनी शक्तियां नहीं सौंपी हैं।

नाशीद के आग्रह पर माले उतरे
एक अन्य जानकारी के मुताबिक, माले में नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने पहले सैन्य विमान को उतरने का अनुरोध ठुकरा दिया था लेकिन बाद में नाशीद के आग्रह पर विमान उतरने की अनुमति दी गई। राजपक्षे के साथ 13 लोग मालदीव गए हैं। वे एएन32 विमान से मालदीव पहुंचे।

आपातकाल के बाद पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू
श्रीलंकाई राष्ट्रपति के देश छोड़कर भागने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने मीडिया संगठनों को सूचना दी कि देश में आपातकाल लागू किया गया है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों को उपद्रव कर रहे लोगों को गिरफ्तार करने तथा उनके वाहन जब्त करने का भी आदेश दिया है। इससे पहले पुलिस ने कोलंबो में फ्लावर स्ट्रीट पर पीएम रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय के समीप एकत्र प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे।

बढ़ते जन आक्रोश के बीच मालदीव भागे गोतबाया 
73 वर्षीय गोतबाया राजपक्षे ने देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच इस्तीफे की घोषणा की थी। लेकिन इस्तीफे के आधिकारिक एलान से पहले ही वह अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अफसरों के साथ सेना के एक विमान में देश छोड़कर चले गए। उन्हें सरकार के अनुरोध पर और संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय की पूर्ण स्वीकृति के साथ मालदीव रवाना होेने के लिए वायुसेना का विमान उपलब्ध कराया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी उनके देश छोड़ने की पुष्टि कर दी है।

गिरफ्तारी की आशंका के चलते देश छोड़ा
बताया जा रहा है कि गोतबाया राजपक्षे बुधवार को उनके इस्तीफे की औपचारिक घोषणा के बाद नई सरकार द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने की आशंका के चलते विदेश जाना चाहते थे। उन्होंने शनिवार को घोषणा की थी कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे। उन्होंने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमाने के बाद यह घोषणा की थी।

By Tarun

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