डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा 14 से 26 जुलाई को आयोजित की जा रही है। कोरोना काल के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। उन्होंने कहा कि इस बार दो साल के अंतराल पर यह यात्रा हो रही है तो कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ को भी पार कर सकती है। इसके लिए 10 हजार से भी अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

दो साल के बाद होने जा रही कांवड़ यात्रा में इस बार चार करोड़ से भी अधिक कांवड़िए आने की संभावना है। इस यात्रा की तैयारी के लिए सोमवार को अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक हुई। इसमें सात राज्यों के आला अधिकारियों ने भाग लिया और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर चर्चा की। कांवड़ मेला क्षेत्र को 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। इसकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए तकरीबन 10 हजार से अधिक पुलिस फोर्स तैनात की जाएगी।
समन्वय बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, रेलवे सुरक्षा बल, आईबी के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष और ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। सबसे पहले डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा 14 से 26 जुलाई को आयोजित की जा रही है। कोरोना काल के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है।
वर्ष 2016 में दो करोड़ से अधिक कांवड़िए आए थे। जबकि, अगले साल यह संख्या तीन करोड़ को पार कर गई थी। चूंकि, इस बार दो साल के अंतराल पर यह यात्रा हो रही है तो कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ को भी पार कर सकती है। उन्होंने सभी राज्यों से इसकी तैयारियों अभी से जुटने को कहा। कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा गया है।
इसके लिए 10 हजार से भी अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। यात्रा की सुरक्षा के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई जाएगी। कांवड़ यात्रा में सोशल मीडिया के माध्यम से शांति व्यवस्था की अपील भी की जाएगी। इसके लिए उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर समुचित ठंग से प्रचार प्रसार करने को भी कहा।