मलबा आने से सड़कें बंद हो गईं। कई जगह बिजली सप्लाई बाधित हो गई। पिथौरागढ़ जिले के दशौली गांव के किराना व्यापारी और प्रधान के पति गणेश दत्त पाठक देवीगाड़ नाले में बह गए। उनका शव बरामद कर लिया गया है।

कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों में बुधवार को बारिश ने कहर बरपाया। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। मलबा आने से सड़कें बंद हो गईं। कई जगह बिजली सप्लाई बाधित हो गई। पिथौरागढ़ जिले के दशौली गांव के किराना व्यापारी और प्रधान के पति गणेश दत्त पाठक देवीगाड़ नाले में बह गए। उनका शव बरामद कर लिया गया है।
पिथौरागढ़ में मलबे के कारण एक सीमा सड़क और एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 13 सड़कें बंद हो गईं हैं। कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। देवलथल क्षेत्र में बिजली गिरने से कई लोगों के फ्रिज, टीवी, इन्वर्टर, बिजली के मीटर जल गए हैं। देवलथल डाक बंगले के पास खड़ी कार का पिछला दरवाजा और शीशे क्षतिग्रस्त हो गए। गणाईगंगोली की ग्राम पंचायत पोखरी कुषमान में दो लोगों के मकान के आंगन की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। गंगोलीहाट के दर्जनों गांवों में मंगलवार रात बिजली गुल रही। एजेंसी
रुद्रप्रयाग में भारी बारिश
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश से कई सड़कें जलमग्न हो गईं। रुद्रप्रयाग के एसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि हमने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान सहित सभी इंतजाम किए हैं। एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात की गई हैं।नौ दिन की देरी से आखिरकार झूमकर आया मानसून
नौ दिन की देरी से दक्षिण पश्चिम मानसून ने उत्तराखंड में दस्तक दे दी है। इसके साथ ही राजधानी समेत मैदान से पहाड़ तक झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया है। पिछले नौ दिनों से मानसून का इंतजार कर रहे मौसम विज्ञानियों के साथ ही गर्मी से परेशान लोगों ने राहत की सांस ली है।
वहीं, मौसम विभाग ने मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने के साथ ही अगले 24 घंटे के भीतर नैनीताल, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। साथ ही ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून ने राज्य में दस्तक दे दी है।
देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग में भी भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में इन जिलों में आपदा प्रबंधन के लिहाज से भी सतर्क रहने की जरूरत है। बता दें कि बीच में कमजोर पड़ने की वजह से मानसून 20 के बजाय नौ दिन की देरी से उत्तराखंड पहुंचा हैं। मौसम विज्ञानियों ने इस साल ठीकठाक बारिश की संभावना जताई है।