श्रीराम जन्मभूमि में इस समय राममंदिर की प्लिंथ, गर्भगृह व रिटेनिंगवाल का निर्माण एक साथ संचालित है। राममंदिर निर्माण के लिए भक्त दिल खोलकर दान दे रहे हैं। ट्रस्ट के सूत्रों के मुताबिक हर माह करीब एक करोड़ का दान मंदिर निर्माण के लिए नगदी सहित चेक, आरटीजीएस व ऑनलाइन माध्यमों से आ रहा है। राममंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा पिछले साल 15 जनवरी मकर संक्रांति से 27 फरवरी तक पूरे देश में निधि समर्पण अभियान चलाया गया था। भक्तों ने दिल खोलकर दान किया, जिसके चलते इस अभियान में करीब 3400 करोड़ रुपये ट्रस्ट को प्राप्त हुए। इसके अलावा विभिन्न माध्यमों से भी करीब दो हजार करोड़ का दान प्राप्त हो चुका है। ट्रस्ट सूत्रों की मानें तो अब तक राममंदिर निर्माण के लिए करीब 5500 करोड़ की धनराशि प्राप्त हो चुकी है, हालांकि अंतिम आंकड़ा निधि समर्पण अभियान की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।

ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि मंदिर निर्माण के लिए दान का सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि भक्तों की श्रीराम व राममंदिर के प्रति इस कदर आस्था है कि जब कोरोना संक्रमण से पूरा देश रुक सा गया था, उस काल में भी मंदिर निर्माण के लिए दान आता रहा।

बताया कि ट्रस्ट कार्यालय पर प्रतिदिन 50 हजार से लेकर एक लाख तक की नगदी दान के रूप में आ रही है। इसी तरह चेक, आरटीजीएस व ऑनलाइन माध्यमों से प्रतिदिन लाखों का निधि समर्पण आता है। हर माह कम से कम एक करोड़ का दान राममंदिर के लिए आ रहा है।

ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या भी बढ़ गई है। प्रतिदिन करीब 10 हजार भक्त दर्शन को आते हैं।

वीकेंड में यह संख्या दो गुनी तो पर्व व त्योहारों पर चार गुना हो जाती है। वहीं रामलला के चढ़ावे में भी वृद्धि हुई है। बताया कि पहले जहां प्रतिमाह 10 से 12 लाख का चढ़ावा आता था वहीं अब हर माह से 40 से 50 लाख का चढ़ावा आ रहा है।

उन्होंने बताया कि रामलला के दानपात्र में मिले चढ़ावे की गिनती हर माह की पांच व 20 तारीख को की जाती है। जून माह में एक से 15 जून तक रामलला के दानपात्र में लगभग 25 लाख का चढ़ावा आया है।
राममंदिर निर्माण में करीब 11 सौ करोड़ खर्च होने का अनुमान है। ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंदिर निर्माण में अब तक करीब 200 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं।

वित्तीय सत्र 2020-21 में मंदिर निर्माण में कुल 12 करोड़ ही व्यय हुए, 2021-22 के सत्र में इस मद में व्यय 180 करोड़ तक हो गया। इसमें परिसर के विस्तार के लिए जमीनों की खरीद, मंदिर की निर्माण सामग्री सहित बड़ी-बड़ी मशीनों की भी खरीदारी व अन्य मद में व्यय शामिल है।