ज्ञानवापी प्रकरण में विश्व वैदिक सनातन संस्था के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने इंतजामिया कमेटी पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कमेटी पर शिवलिंग के स्वरूप को बदलने और मूल स्वरूप से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

वाराणसी कोर्ट

ज्ञानवापी प्रकरण में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर दाखिल रिवीजन याचिका पर आज जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद जिला जज ने आदेश को सुरक्षित रख लिया जो शाम तक आने की उम्मीद है।

यह याचिका विश्व वैदिक सनातन संस्था के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की ओर से अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी, शिवम गौड़, सुभाष नंदन चतुर्वेदी के जरिए दाखिल की गई है। पूर्व में विसेन के आवेदन को स्पेशल सीजेएम ने यह कहते हुए खारिज किया था कि मामला सिविल कोर्ट में भी चल रहा है। विश्व वैदिक सनातन संघ ने 14 जून को ज्ञानवापी परिसर में साक्ष्यों के अलावा शिवलिंग को क्षति पहुंचाने के खिलाफ वाद दाखिल करने के लिए जिला न्यायालय में आवेदन दिया था।
इसके अनुसार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। उन पर आरोप है कि मंदिर के ढांचे को क्षतिग्रस्त करके साक्ष्यों संग छेड़छाड़ और हिंदू आस्था पर कुठाराघात किया गया है।

स्पेशल सीजेएम की अदालत ने किया था खारिज

इसके पहले 30 मई को स्पेशल सीजेएम सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत में विश्व वैदिक हिंदू सनातन संस्था के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी के जरिए आवेदन दाखिल किया था। इसमें कहा गया था कि धार्मिक स्वरूप बदलना विशेष पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन है।

वजू स्थल के पास बरामद शिवलिंग के स्वरूप को बदलने का प्रयास किया गया। ऐसे में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव एसएम यासीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए। तब अदालत ने यह मामला खारिज कर दिया था। इसी आदेश के खिलाफ 14 जून को को रिवीजन याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर आज जिला जज ने सुनवाई की।

By Tarun

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand