गत एक सप्ताह से चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आई है। यात्रियों की संख्या में कमी की वजह मौसम के साथ स्कूलों का खुलना भी बताया जा रहा है, वहीं गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहित सरकार के निर्णयों को इसका कारण बता रहे हैं।
गत 10-12 जून से गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी गिरावट आई है। गंगोत्री धाम में प्रतिदिन करीब साढ़े तीन हजार यात्री पहुंच रहे हैं, जबकि गंगोत्री धाम सड़क सुविधा से जुड़ा हुआ है। यहां यात्रा के चरम काल में एक दिन में करीब नौ हजार तीर्थयात्री पहुंच रहे थे। तीर्थपुरोहितों का कहना है कि सरकार की नीतियों से तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। पंजीकरण के नाम पर यात्रियों को जगह-जगह रोका गया, जिससे अधिकांश यात्री धामों के दर्शन किए बिना ही ऋषिकेश व हरिद्वार से लौटे गए। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा का कहना है कि पंजीकरण व्यवस्था के साथ ही स्कूलों के खुलने की वजह से भी यात्रियों की संख्या में कमी आई है।- यात्रियों की संख्या में कमी का कारण सरकार के निर्णय रहे हैं। पंजीकरण के नाम पर यात्रियों को ऋषिकेश व हरिद्वार में रोका गया, जिससे कई यात्री लौट गए। करीब एक सप्ताह से साढ़े तीन हजार यात्री ही प्रतिदिन गंगोत्री धाम पहुंच रहे हैं। -हरीश सेमवाल, अध्यक्ष श्री पांच मंदिर समिति गंगोत्री।
– यमुनोत्री धाम में यात्रा के शुरुआती दौर के मुकाबले तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी है। गंगा दशहरा के बाद यात्रा में कमी आती है और अक्तूबर में फिर बढ़ने लगती है। -पुरुषोत्तम उनियाल, अध्यक्ष पुरोहित महासभा, यमुनोत्री धाम।