मणिकूट पर्वत की तलहटी पर स्थित पौराणिक मंदिर नीलकंठ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। धाम परिसर में लगे पेयजल स्टैंड पोस्ट और हैंडपंप शोपीस बने हुए हैं। श्रद्धालु स्थानीय होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट और दुकानों से पानी की बोतलें खरीदकर प्यास बुझा रहे हैं। कभी ऐसी स्थिति होती है कि यहां दुकानों में पानी की बोतलें भी पूरी नहीं पड़ रही हैं।जिला पंचायत पौड़ी की ओर से लक्ष्मणझूला-नीलकंठ मोटर मार्ग पर गरुड़चट्टी के समीप पर्यटकों से नीलकंठ मंदिर धाम में सुविधा के नाम पर टोल टैक्स वसूला जा रहा है, लेकिन मंदिर परिसर में सुविधा के नाम पर सब शून्य है। यहां सफाई, शौचालय, विद्युत, पेयजल आदि की व्यवस्थाएं धूल फांक रही हैं। टोल टैक्स के नाम पर जिला पंचायत यहां केवल अवैध वसूली में जुटी हुई है। नीलकंठ में जिला पंचायत पार्किंग से लेकर मंदिर परिसर तक करीब डेढ़ किमी सड़क किनारे दस हैंड़पंप लगे हुए हैं। मंदिर परिसर से पहले केवल दूसरे नंबर वाले हैंडपंप में पानी आ रहा है। अन्य सभी शोपीस बने हुए हैं। स्थानीय व्यापारी शुभम भंडारी ने कहा कि नीलकंठ में पूंडरासू पेयजल योजना है, लेकिन आसपास लोगों के घरों में लगे टूल्लू पंप से लो प्रेशर बना रहता है। स्थिति यह है कि यहां संचालित दुकानों में सबसे ज्यादा आपूर्ति पानी की बोतलों की हो रही है। यहां रोजाना एक व्यापारी की दुुकान से 20 से 25 पानी की पेटियों की बिक्री हो रही है। पानी की बोतलों की अधिक खपत होने से कभी व्यापारियों को ऋषिकेश से पानी की बोतलें उपलब्ध नहीं होती हैं।मामला संज्ञान में नहीं है, संबंधित कर्मचारी को निर्देशित कर जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा।
एसके उपाध्याय, जलकल अभियंता कोटद्वार

By Tarun

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