इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी मामले की जांच के लिए एक आयोग या समिति बनाने की अपील की गई है।

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ज्ञानवापी मस्जिद में पाया गया स्ट्रक्चर शिवलिंग है या फव्वारा, की जांच के लिए एक आयोग या समिति का गठन किया जाए। इस मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की गई है। ज्ञानवापी विवाद में पाए गए स्ट्रक्चर को हिंदू पक्ष शिवलिंग तो मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है।

हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग बताकर लगातार पूजा करने की अनुमति देने की मांग कर रहा है। इस संबंध में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की मांग पर अदालत में सुनवाई हुई। जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
बीते माह एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग आदि विश्वेश्वर के राग-भोग के साथ ही पूजा और अर्चना करने की इजाजत देने को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द के प्रार्थना पत्र पर वाराणसी जिला जज ने सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रख लिया।
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के निलंबन और नवीन कुमार जिंदल के निष्कासन के बाद ज्ञानवापी मामला और चर्चा में आ गया है। हालांकि, भाजपा ने इस मामले से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया है।

By Tarun

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