वीकेंड और स्नान पर्व हरिद्वार में जाम लगना आम हो गया है। हाईवे चौड़ीकरण के बाद भी जाम से मुक्ति नहीं मिल पा रही और पुलिस हर आर असफल साबित हो रही है। हालत यह है कि दिल्ली से हरिद्वार पहुंचने में अब केवल तीन घंटे लग रहे हैं, लेकिन यहां से बाहर निकलने में भी इतना ही या इससे अधिक का समय लग रहा। रविवार को हाईवे के साथ शहर के अंदर जाम लगने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

रविवार सुबह सात बजे से ही ललतारौ पुल, चंडी घाट चौक पर जाम लगना शुरू हो गया था। जैसे-जैसे दिन बढ़ने लगा वैसे ही हाईवे पर भी वाहनों का दबाव नजर आने लगा। आठ बजे तक तो चंडी घाट की तरफ से बिरला पुल की तरफ आने व जाने वाले दोनों पुलों पर जाम लगने लगा। वहीं चंडी घाट पर भी जाम लग गया। सुबह नौ बजे तक ऋषिकुल से लेकर शांतिकुंज तक जाम लगने से वाहनों को खिसकना भी मुश्किल हो गया।यातायात पुलिस पूरे हाईवे या शहर के मुख्य मार्गों पर कहीं भी नजर नहीं आई। जैसे-तैसे यात्री खुद ही जाम से जूझते हुए आगे बढ़ते रहे। रेलवे स्टेशन से लेकर शिवमूर्ति व सिटी पोस्ट ऑफिस तक चिलचिलाती धूप में यात्री परेशान नजर आए। शहर के यातायात को लेकर यातायात पुलिस कोई ठोस योजना नहीं बना पा रही है।
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जाम लगने पर नजर नहीं आती सीपीयू
वीकेंड पर लगने वाले जाम से हर कोई परेशान है। वहीं शहर की यातायात व्यवस्था के लिए बनाई गई सीपीयू सफेद हाथी साबित हो रही है। कोई भी स्नान पर्व हो या फिर वीकेंड। सीपीयू के सिपाही कहीं पर नजर नहीं आते हैं। सीपीयू सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित रह गई है। सीपीयू कर्मियों के द्वारा लगातार यात्रियों व स्थानीय लोगों के साथ अभद्रता भी की जा रही है।
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ई-रिक्शा व ऑटो बढ़ा रहे दिक्कत
शहर के प्रमुख मार्गों व छोटी गलियों में ई-रिक्शा व ऑटो भी स्थानीय लोगों के साथ आमजन की समस्या भी बढ़ा रहे हैं। ऑटो व ई-रिक्शा गलियों में जाने से जाम लग रहा है।

By Tarun

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